यह हिंदुस्तान है अपना
हमारे युग-युग का सपना
हरी धरती है नीलगगन
मगन हम पंछी अलबेले
मुकुट-सा हिमगिरि अति सुंदर
चरण रज लेता रत्नाकर
हृदय गंगा यमुना बहती
लगें छ: ऋतुओं के मेले
राम-घनश्याम यहाँ घूमे
सूर-तुलसी के स्वर झूमे
बोस-गांधी ने जन्म लिया
जान पर हँस-हँस जो खेले
कर्म पथ पर यह सदा चला
ज्ञान का दीपक यहाँ जला
विश्व में इसकी समता क्या
रहे हैं सब इसके चेले।
हमारे युग-युग का सपना
हरी धरती है नीलगगन
मगन हम पंछी अलबेले
मुकुट-सा हिमगिरि अति सुंदर
चरण रज लेता रत्नाकर
हृदय गंगा यमुना बहती
लगें छ: ऋतुओं के मेले
राम-घनश्याम यहाँ घूमे
सूर-तुलसी के स्वर झूमे
बोस-गांधी ने जन्म लिया
जान पर हँस-हँस जो खेले
कर्म पथ पर यह सदा चला
ज्ञान का दीपक यहाँ जला
विश्व में इसकी समता क्या
रहे हैं सब इसके चेले।
वन्दे मातरम् जय हिन्द !!
Niyati Srivastava
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